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25 August 2025

यह उपन्यास अकबर के कार्य काल की पृष्टभूमि,  एक चित्रकार के दृष्टिकोण,  उसकी सोच और उसकी अपनी जीवन यात्रा के इर्द-गिर्द घटती घटनाओं का ब्यौरा है। साथ ही साथ आगरा की सिस...

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25 August 2025

जो होता है अच्छे के लिए होता है । उस दिन जब धुआँ धुआँ रूह नीलांबर कोलकाता की नाट्य प्रस्तुति देखने गया तो नीलकमल जी पहले से बैठे मिले। मैंने उनसे मिलते ही उनके नए गद्य...

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25 August 2025

यह सुखद संयोग है कि “ग़ालिब छुटी शराब” कुछ महीने पहले ही पढ़ी मैंने। सारे किस्से अभी भी ज़ेहन में चलचित्र की तरह जैसे रिकार्डेड हैं, और मुझे याद है मैंने ममता कालिया जी क...

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25 August 2025

कई बड़े कलाकारों के साक्षात्कार में सुना है कि अभिनय शैली में सबसे मुश्किल है हँसाना, उसी तरह लेखन विधा में सबसे मुश्किल है हास्य का परिष्कृत प्रकार यानी व्यंग्य लिखना...

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25 August 2025

कुछ कवियों के काव्य-संग्रह को पढ़ने से पहले आपकी तैयारी दुरुस्त होनी चाहिए उनमें से एक हैं वीरू सोनकर। एक बार सीधे पढ़ो फिर दोबारा रुक-रुक कर पढ़ो और फिर कुछ दिन के बाद फ...

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25 August 2025

गद्य को लेखन की कसौटी माना जाता है। महाकवि त्रिलोचन कवियों से गद्य वद्य लिखने की बात कहते हैं। एक आलोचक और एक कवि के गद्य में अन्तर सहज ही देखा महसूसा जा सकता है। यतीश...

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