राजेंद्र राव के कहानी संग्रह ‘कोयला भई न राख’ पर यतीश कुमार...
(Narrative Poetry)
कहानियाँ मुसलसल चलती हैं मुकम्मल होना इनका कभी भी तय नहीं था। ये कवितायें नहीं थीं। ये कहानियाँ जलने और बुझने के बीच भटक रही हैं जिसकी टीस आपको बेचैन कर देगी। पढ़कर लगे...