कुमार अम्बुज के कथा-संग्रह 'मज़ाक' पर यतीश कुमार की समीक्षा
(Narrative Poetry)
मूर्त और अमूर्त तकलीफ़ों को ढूँढ़ने निकले लेखक ने एक-एक कर चुना है भूले बिसरे खोये विषयों को। जैसे - गुमना, भूल जाना, मज़ाक़ बन जाना, विश्वास या उसका प्रयायरूपी, भरोसा...