- यतीश कुमार -
जन्म, 21 अगस्त 1976 मुंगेर (बिहार)
लखीसराय (बिहार) में प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षा, पटना साइंस कॉलेज (बिहार) से 12वीं। 1996 बैच इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ़ मैकेनिकल इंजीनियरिंग (IRSME) ज्वाइन किया, अगले वर्ष द इंजीनियरिंग काउंसिल, लंदन द्वारा आयोजित परीक्षा में भी उत्तीर्ण हुए, मार्च 1998 से इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ़ मैकेनिकल इंजीनियरिंग (IRSME) प्रशिक्षण की शुरुआत
11 नवंबर 1999 को भारतीय रेलवे की सेवा में जुड़े। भारतीय रेलवे के सबसे बड़े कैरिज एंड वैगन डिपो में से एक अंडाल कैरिज एंड वैगन डिपो का कार्यभार संभाला और पूर्ण यार्ड रीमॉडलिंग की योजना बनाई गई और उसे क्रियान्वित किया।
1999 20 फरवरी 1999 को स्मिता गोयल के साथ वैवाहिक जीवन की शुरुआत। स्मिता की बाल्यकाल से ही साहित्य, रंगमंच और पेंटिग्स में गहरी रुचि रही है। कविता-कहानियों और अभिनय से जुड़ी हैं। उन्होंने विभिन्न साहित्यिक मंचों के लिए निर्मल वर्मा, हरिवंशराय बच्चन, भवानीप्रसाद मिश्र, दुष्यंत कुमार, नरेश सक्सेना और ममता कालिया समेत हिंदी के कई लब्धप्रतिष्ठित रचनाकारों की कृतियों का अभिनयात्मक पाठ किया है। उन्होंने मन्नू भंडारी की कहानी 'अनथाही गहराइयाँ' एवं विनोद कुमार शुक्ल की कहानी ‘गोष्ठी’ पर आधारित लघु फिल्म में अपने अभिनय भी किया है।
11 जुलाई 2000 को बड़ी बेटी मन्नत एवं 23 मार्च 2004 को छोटी बेटी तमन्ना का जन्म।
ईस्टर्न रेलवे (ईआर) के हावड़ा डिवीजन में बतौर डिविजनल मैकेनिकल इंजीनियर नियुक्त हुए। 70 मेल/एक्सप्रेस लोको और 30 शंटिंग लोको समेत डीजल शेड हावड़ा/ईआर का कार्यभार संभाला। 2002 से 2004 तक लगातार तीन वर्ष भारतीय रेलवे में उत्कृष्ट सेवा के लिए जोनल रेलवे अवार्ड मिला। वर्ष 2006 में भारतीय रेलवे में उत्कृष्ट सेवा के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किए गए।
ईस्टर्न रेलवे (ईआर) के जमालपुर में डिप्टी चीफ मैकेनिकल इंजीनियर नियुक्त हुए। जमालपुर वर्कशॉप में पहली बार वैगन निर्माण सुविधाओं की स्थापना की और 700 वैगन प्रति वर्ष निर्माण लक्ष्य हासिल किया। वर्कशॉप के सकल वार्षिक टर्नओवर को 215 करोड़ से बढ़ाकर 565 करोड़ करने में महत्वपूरण भूमिका निभाई। पहले स्टेनलेस स्टील बॉक्सएनएचएल वैगन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका के साथ-साथ बीएलसी, बीवीजेडआई, आईसीएफ बोगी, एयर स्प्रिंग बोगी का नियमित उत्पादन शुरू किया।
ईस्टर्न रेलवे (ईआर) के सियालदह डिवीजन में बतौर सीनियर डिविजनल मैकेनिकल इंजीनियर नियुक्त हुए। कोलकाता और सियालदह कोचिंग डिपो में कोचिंग रखरखाव सुविधाओं का विस्तार किया। व्हील लेथ सुविधा के साथ सबसे आधुनिक ईओटी क्रेन सुसज्जित कोचिंग सिक लाइन की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका। अपने कार्यकाल में पूर्वी क्षेत्र के पहले मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री को भी मंजूरी दिलवाई और कार्यान्वित करवाया।
अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ), कोलकाता के निदेशक बनाए गए। पूर्ण ऑनलाइन उत्पाद निरीक्षण और निगरानी प्रणाली करवाया। निरीक्षण के दिशा-निर्देशों से संबंधित पुस्तक का प्रकाशन, संपूर्ण नेटवर्किंग के साथ कार्यालय रीमॉडलिंग, हक-बोल्टिंग, वेल्डिंग प्रशिक्षण आवश्यकताओं पर पुस्तक और कई राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किए।
28 मई को ब्रेथवेट एंड कंपनी लिमिटेड (रेल मंत्रालय) से बतौर अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक जुड़े। किसी भी पीएसयू (सार्वजनिक उपक्रमों) के सीएमडी के रूप में नियुक्त होने वाले देश के सबसे युवा अधिकारी बने। अपने कार्यकाल के 4 वर्ष से भी कम समय में बीसीएल का कायाकल्प करने में अग्रणी भूमिका निभाई। तकरीबन 70 करोड़ रुपए के उधार में चल रही कंपनी को 100 करोड़ रुपया के फिक्स डिपोजिट के साथ लगभग 1000 गुणा की वृद्धि के सफर तक पहुंचाया। कार्यकाल में बीसीएल को सरकार द्वारा एमओयू प्रदर्शन में 'उत्कृष्ट' दर्जा दिया गया और कंपनी ने मिनीरत्न श्रेणी-1 कंपनी तक का सफर तय किया है।
द इंस्टीट्यूट ऑफ इकॉनोमिक स्टडीज द्वारा आउटस्टैंडिंग ग्लोबल लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित किए गए, साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था नीलांबर के अध्यक्ष निर्वाचित हुए, वर्ल्ड एचआरडी कांग्रेस द्वारा सीएमडी विद एचआर ओरिंएंटेशन अवार्ड से सम्मानित किए गए। द इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आइएसबी) से ‘एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम इन पब्लिक पॉलिसी’ की डिग्री हासिल की व अक्टूबर 2021 में पहला काव्य-संग्रह 'अंतस की खुरचन' प्रकाशित हुआ। इस संग्रह को भारत सरकार द्वारा ‘मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार-2021’ से सम्मानित किया गया। जनवरी 2023 में दूसरा काव्य-संग्रह ‘आविर्भाव’ (हिंदी साहित्य की 11 प्रसिद्ध कृतियों पर कविताई) प्रकाशित हुआ ।
जन्म, 21 अगस्त 1976 मुंगेर (बिहार)
लखीसराय (बिहार) में प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षा, पटना साइंस कॉलेज (बिहार) से 12वीं। 1996 बैच इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ़ मैकेनिकल इंजीनियरिंग (IRSME) ज्वाइन किया, अगले वर्ष द इंजीनियरिंग काउंसिल, लंदन द्वारा आयोजित परीक्षा में भी उत्तीर्ण हुए, मार्च 1998 से इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ़ मैकेनिकल इंजीनियरिंग (IRSME) प्रशिक्षण की शुरुआत
11 नवंबर 1999 को भारतीय रेलवे की सेवा में जुड़े। भारतीय रेलवे के सबसे बड़े कैरिज एंड वैगन डिपो में से एक अंडाल कैरिज एंड वैगन डिपो का कार्यभार संभाला और पूर्ण यार्ड रीमॉडलिंग की योजना बनाई गई और उसे क्रियान्वित किया।
1999 20 फरवरी 1999 को स्मिता गोयल के साथ वैवाहिक जीवन की शुरुआत। स्मिता की बाल्यकाल से ही साहित्य, रंगमंच और पेंटिग्स में गहरी रुचि रही है। कविता-कहानियों और अभिनय से जुड़ी हैं। उन्होंने विभिन्न साहित्यिक मंचों के लिए निर्मल वर्मा, हरिवंशराय बच्चन, भवानीप्रसाद मिश्र, दुष्यंत कुमार, नरेश सक्सेना और ममता कालिया समेत हिंदी के कई लब्धप्रतिष्ठित रचनाकारों की कृतियों का अभिनयात्मक पाठ किया है। उन्होंने मन्नू भंडारी की कहानी 'अनथाही गहराइयाँ' एवं विनोद कुमार शुक्ल की कहानी ‘गोष्ठी’ पर आधारित लघु फिल्म में अपने अभिनय भी किया है।
11 जुलाई 2000 को बड़ी बेटी मन्नत एवं 23 मार्च 2004 को छोटी बेटी तमन्ना का जन्म।
ईस्टर्न रेलवे (ईआर) के हावड़ा डिवीजन में बतौर डिविजनल मैकेनिकल इंजीनियर नियुक्त हुए। 70 मेल/एक्सप्रेस लोको और 30 शंटिंग लोको समेत डीजल शेड हावड़ा/ईआर का कार्यभार संभाला। 2002 से 2004 तक लगातार तीन वर्ष भारतीय रेलवे में उत्कृष्ट सेवा के लिए जोनल रेलवे अवार्ड मिला। वर्ष 2006 में भारतीय रेलवे में उत्कृष्ट सेवा के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किए गए।
ईस्टर्न रेलवे (ईआर) के जमालपुर में डिप्टी चीफ मैकेनिकल इंजीनियर नियुक्त हुए। जमालपुर वर्कशॉप में पहली बार वैगन निर्माण सुविधाओं की स्थापना की और 700 वैगन प्रति वर्ष निर्माण लक्ष्य हासिल किया। वर्कशॉप के सकल वार्षिक टर्नओवर को 215 करोड़ से बढ़ाकर 565 करोड़ करने में महत्वपूरण भूमिका निभाई। पहले स्टेनलेस स्टील बॉक्सएनएचएल वैगन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका के साथ-साथ बीएलसी, बीवीजेडआई, आईसीएफ बोगी, एयर स्प्रिंग बोगी का नियमित उत्पादन शुरू किया।
ईस्टर्न रेलवे (ईआर) के सियालदह डिवीजन में बतौर सीनियर डिविजनल मैकेनिकल इंजीनियर नियुक्त हुए। कोलकाता और सियालदह कोचिंग डिपो में कोचिंग रखरखाव सुविधाओं का विस्तार किया। व्हील लेथ सुविधा के साथ सबसे आधुनिक ईओटी क्रेन सुसज्जित कोचिंग सिक लाइन की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका। अपने कार्यकाल में पूर्वी क्षेत्र के पहले मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री को भी मंजूरी दिलवाई और कार्यान्वित करवाया।
अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ), कोलकाता के निदेशक बनाए गए। पूर्ण ऑनलाइन उत्पाद निरीक्षण और निगरानी प्रणाली करवाया। निरीक्षण के दिशा-निर्देशों से संबंधित पुस्तक का प्रकाशन, संपूर्ण नेटवर्किंग के साथ कार्यालय रीमॉडलिंग, हक-बोल्टिंग, वेल्डिंग प्रशिक्षण आवश्यकताओं पर पुस्तक और कई राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किए।
28 मई को ब्रेथवेट एंड कंपनी लिमिटेड (रेल मंत्रालय) से बतौर अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक जुड़े। किसी भी पीएसयू (सार्वजनिक उपक्रमों) के सीएमडी के रूप में नियुक्त होने वाले देश के सबसे युवा अधिकारी बने। अपने कार्यकाल के 4 वर्ष से भी कम समय में बीसीएल का कायाकल्प करने में अग्रणी भूमिका निभाई। तकरीबन 70 करोड़ रुपए के उधार में चल रही कंपनी को 100 करोड़ रुपया के फिक्स डिपोजिट के साथ लगभग 1000 गुणा की वृद्धि के सफर तक पहुंचाया। कार्यकाल में बीसीएल को सरकार द्वारा एमओयू प्रदर्शन में 'उत्कृष्ट' दर्जा दिया गया और कंपनी ने मिनीरत्न श्रेणी-1 कंपनी तक का सफर तय किया है।
द इंस्टीट्यूट ऑफ इकॉनोमिक स्टडीज द्वारा आउटस्टैंडिंग ग्लोबल लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित किए गए, साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था नीलांबर के अध्यक्ष निर्वाचित हुए, वर्ल्ड एचआरडी कांग्रेस द्वारा सीएमडी विद एचआर ओरिंएंटेशन अवार्ड से सम्मानित किए गए। द इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आइएसबी) से ‘एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम इन पब्लिक पॉलिसी’ की डिग्री हासिल की व अक्टूबर 2021 में पहला काव्य-संग्रह 'अंतस की खुरचन' प्रकाशित हुआ। इस संग्रह को भारत सरकार द्वारा ‘मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार-2021’ से सम्मानित किया गया। जनवरी 2023 में दूसरा काव्य-संग्रह ‘आविर्भाव’ (हिंदी साहित्य की 11 प्रसिद्ध कृतियों पर कविताई) प्रकाशित हुआ ।