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31 May 2023

रक्षा दुबे चौबे हमारे समय की सशक्त कवयित्री हैं। उनके यहाँ उनकी कविताओं में स्त्री सवाल स्वाभाविक रूप से आते हैं। रक्षा को इसका जवाब भी भलीभांति मालूम है। वे उन वर्जना...

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01 June 2023

1. दिन रोटी उगाता है और भूख सोखती है रात एक प्रेम है  जो बांधे रखता है सबको साथ -साथ जंगल में आदम और सुख  ठीक वैसे ही मिलत...

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19 June 2025

सुना है कि पुराने ज़माने में जुगनुओं को एक डिब्बे में बंद कर उससे रात में राह देखने की कोशिश की जाती थी और स्त्रियाँ घर को अँधेरे से मुक्त रखने का काम लेती थीं। वन्दना...

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19 June 2025

कविता का काम सिर्फ़ संवेदना व्यक्त करना नहीं है अपितु समय-समय पर समय के विरुद्ध आवाज़ भी उठानी है ताकि सामाजिक संतुलन कायम रहे। काव्य-संग्रह ‘वाया नई सदी’ में कवि चुप्...

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19 June 2025

कहानी में सिमटा ज़िंदगी का सफर मुझे बचपन से ही फ़िल्में देखने का बहुत शौक़ रहा है और अच्छे संवाद ख़ुद ही बुदबुदाता रहता था। दिलीप कुमार की संवा...

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19 June 2025

पेशे से चिकित्सक और हिन्दी साहित्य की दुनिया में कथेतर साहित्य  के जाने पहचाने लेखक प्रवीण  की इस किताब में रूस के विकास की कहानी साइबेरिया से होते हुए आधुनिक रूस तक प...

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