धान देस के मल्हार
(Narrative Poetry)
‘धान देस के मल्हार’ शीर्षक सुनते ही लगा मानो धरती माँ अपनी राग में कुहुक उठेंगी। शुरुआती कुछ पन्नों से ही धान की सोंधी ख़ुशबू मेरे साथी बन गए और अंत तक मैं इसकी सुगंध...
‘धान देस के मल्हार’ शीर्षक सुनते ही लगा मानो धरती माँ अपनी राग में कुहुक उठेंगी। शुरुआती कुछ पन्नों से ही धान की सोंधी ख़ुशबू मेरे साथी बन गए और अंत तक मैं इसकी सुगंध...
'पूँटी’ माने बंगाल की पोठी मछली! यतीश कुमार उपन्यास के शुरुआती पन्ने से ही 'समय’ अपनी हाज़िरी लगाता मिला। उसकी उपस्थिति में समस्याएँ भी पंक्ति दर पंक्ति दर्ज ह...
एक मात्र `भात’ शब्द से दर्शन संसार भर का एक ही कविता में समेटना एक विलक्षण कृत है इस पहली कविता से आप एक नये घर में प्रवेश करते हैं जिस घर का दरवाज़ा खुले आकाश में खुल...
निशीथ और त्रियामा के बीच गुजरती क़ज़ा के रूप में कोरोना की दहशत भरी रातें। रात का कड़वा सच! समाज का सच, मीडिया का सच, रिश्तों का सच और इस सच के बीच करुणा, समाज सेवा और...
आई सेक्ट पब्लिकेशन- 25 छोटी-बड़ी कहानियों का कोलाज। ऐसा होता नहीं है अमूमन, पर इस किताब को एक दो बार यूँ ही पलटने के बाद अंतिम पन्ने से पढ़ना शुरू...
Believing in simplicity, honesty, and the Gandhian philosophy of ‘ahimsa’ (non-violence), Karpoori Thakur emerged as a unique and iconic figure in Indian politics. The...