यतीश कुमार के संस्मरण संग्रह ‘बोरसी भर आँच’ पर कलाविद सुशील...
(Narrative Poetry)
एक किताब जो उदास करती है, हताश करती है, हर दो-चार पृष्ठों के बाद लंबी सांस खींचकर आंख बंद कर लेने को मजबूर करती है। क्षमा करें, यह मेरा बिलकुल निजी अनुभव और विचार है।...