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26 September 2025

इस किताब पर कुछ भी टिप्पणी करने से पहले एक बात यहाँ दर्ज करना चाहूँगा वो है संयम बरतने की कला, धैर्य की चारदीवारी के भीतर रहना और बेचैनी पर नकेल कसना। नरेश सक्सेना का...

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08 October 2025

एक किताब जो उदास करती है, हताश करती है, हर दो-चार पृष्ठों के बाद लंबी सांस खींचकर आंख बंद कर लेने को मजबूर करती है। क्षमा करें, यह मेरा बिलकुल निजी अनुभव और विचार है।...

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08 October 2025

जिद्द और साहस का कोम्बो चीकू: ‘बोरसी भर आँच चीकू का संघर्ष उन बच्चों का संघर्ष है जो गरीबी में भी उँची उड़ान भरने का सपना देखते हैं, अन्तर बस इतना है कि चीकू का...

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08 October 2025

मानव कौल ने कहा कि जब एक नॉन-फिक्शन लिख दिया जाता है, वह फिक्शन हो जाता है। उनका अर्थ संभवतः डायरी लेखन या संस्मरणों के लिए था, जो भले यथार्थ हों, लेकिन व्यक्त करने के...

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08 October 2025

‘बोरसी भर आँच’ कोई सामान्य किताब नहीं है। यह एक खिड़की है उस दुनिया की, जहाँ लेखक के बचपन के ठिठुरते लम्हें, युवावस्था के संघर्ष और परिवार के अनकहे किस्से धीरे-धीरे सा...

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08 October 2025

“यादों के समय दृश्य बार-बार फॉरवार्ड रिवर्स होने लगते हैं और बहुत तेज़ी से भीतर कहीं भंवर सी उमेठ उठाती है और वमन की तरह कुछ पंक्तियां कागज पर पसर जाती हैं, तब जाकर चि...

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