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31 May 2023

कुछ किताबें शुरुआती पन्नों से ही पाठकों को अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर देती हैं। अपने अलग मिज़ाज़ और कथ्य को लेकर लिखे उपन्यास 'हरामी' को पढ़ना शुरू करते ही कुछ...

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31 May 2023

रक्षा दुबे चौबे हमारे समय की सशक्त कवयित्री हैं। उनके यहाँ उनकी कविताओं में स्त्री सवाल स्वाभाविक रूप से आते हैं। रक्षा को इसका जवाब भी भलीभांति मालूम है। वे उन वर्जना...

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01 June 2023

1. दिन रोटी उगाता है और भूख सोखती है रात एक प्रेम है  जो बांधे रखता है सबको साथ -साथ जंगल में आदम और सुख  ठीक वैसे ही मिलत...

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20 October 2025

सुना है कि पुराने ज़माने में जुगनुओं को एक डिब्बे में बंद कर उससे रात में राह देखने की कोशिश की जाती थी और स्त्रियाँ घर को अँधेरे से मुक्त रखने का काम लेती थीं। वन्दना...

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20 October 2025

कविता का काम सिर्फ़ संवेदना व्यक्त करना नहीं है अपितु समय-समय पर समय के विरुद्ध आवाज़ भी उठानी है ताकि सामाजिक संतुलन कायम रहे। काव्य-संग्रह ‘वाया नई सदी’ में कवि चुप्...

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20 October 2025

कहानी में सिमटा ज़िंदगी का सफर मुझे बचपन से ही फ़िल्में देखने का बहुत शौक़ रहा है और अच्छे संवाद ख़ुद ही बुदबुदाता रहता था। दिलीप कुमार की संवा...

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