अनिल अनलहातु का कविता संग्रह ‘बाबरी मस्जिद तथा अन्य कविताएँ’...
(Narrative Poetry)
जब कभी भी इस कविता संग्रह को पढ़ा, दिल ने कहा कि एक बार और पढ़ लूँ फिर लिखूंगा।लगभग एक साल की जद्दोजहद के बाद बहुत हिम्मत जुटा कर पर आज सोचा सका कि अब इन कविताओं पर लिख...