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28 December 2024

जब कभी भी इस कविता संग्रह को पढ़ा, दिल ने कहा कि एक बार और पढ़ लूँ फिर लिखूंगा।लगभग एक साल की जद्दोजहद के बाद बहुत हिम्मत जुटा कर पर आज सोचा सका कि अब इन कविताओं पर लिख...

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28 December 2024

(तीन खंडों में 27-27-27 कविताओं को आदि,मध्य और अंत के क्रम में श्रेणीबद्ध ,संयोजित की हुई कविताएँ ।) अभी पढ़ना शुरू ही किया था कि समर्पण ने जकड़ लिया जहां लिखा था ‘माँ...

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13 May 2023

1. योजनाओं की भी अपनी यात्रा होती है जो घटने के लिए भटकती हैं वे ख़ानाबदोश हैं जो अपने साथ फूलों और मिट्टियों की खुशबू लिए भटकते ह...

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28 December 2024

1. नाभि से कान सटाये हामला औरत-एक ज़ख्मी बाज़ नंगे दरख़्त की सबसे उपरी टहनी पर शोक गीत गा रही है ज़ख़्मों में इतना रोष है कि...

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13 May 2023

रचनाकार गीता श्री ने इस उपन्यास को लिखने के पहले अपने मन मस्तिष्क को उस काल के साँचे में ढाला है ताकि वहाँ की आवाज़ हम सुन सकें। भाषा को समय के अनुकूल रखा गया और मनोवि...

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13 May 2023

कविताएँ अक्सर ही रोकती हैं, टोकती हैं और आपसे बतियाती हैं। इस तरह कविता संवाद का एक ऐसा पुल बनाती हैं जिस पर दोतरफा आवाजाही होती है। जो कविता यह न कर पाए, वह प्रायः अस...

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