blog-image
26 August 2025

पेशे से चिकित्सक और हिन्दी साहित्य की दुनिया में कथेतर साहित्य के जाने पहचाने लेखक प्रवीण की इस किताब में रूस के विकास की कहानी साइबेरिया से होते हुए आधुनिक रूस तक पहुँ...

blog-image
26 August 2025

1. साँस की हाँफ में गलफड़ों का भी अपना रिदम है डर अगर मिज़राब है तो सिगरेट की चिंगारी एक उम्मीद हालात ऐसे है कि निर्वासन और निषेध आसेब बन कई चेहरें लिए...

blog-image
26 August 2025

बिना किसी भी पूर्वाग्रह के मैंने इस किताब को छुआ। शुरुआती पंक्तियों में ही लगा कि गद्य नहीं है । सोचने लगा, सुजाता कविता क्यों नहीं लिखतीं। ऐसा मैंने रणेन्द्र का गद्य पढ़त...

blog-image
26 August 2025

जब कभी भी इस कविता संग्रह को पढ़ा, दिल ने कहा कि एक बार और पढ़ लूँ फिर लिखूंगा।लगभग एक साल की जद्दोजहद के बाद बहुत हिम्मत जुटा कर पर आज सोचा सका कि अब इन कविताओं पर लिख...

blog-image
26 August 2025

(तीन खंडों में 27-27-27 कविताओं को आदि,मध्य और अंत के क्रम में श्रेणीबद्ध ,संयोजित की हुई कविताएँ ।) अभी पढ़ना शुरू ही किया था कि समर्पण ने जकड़ लिया जहां लिखा था ‘माँ...

blog-image
13 May 2023

1. योजनाओं की भी अपनी यात्रा होती है जो घटने के लिए भटकती हैं वे ख़ानाबदोश हैं जो अपने साथ फूलों और मिट्टियों की खुशबू लिए भटकते ह...

Showing 6 records of total 87