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06 June 2025

1. नाभि से कान सटाये हामला औरत-एक ज़ख्मी बाज़ नंगे दरख़्त की सबसे उपरी टहनी पर शोक गीत गा रही है ज़ख़्मों में इतना रोष है कि...

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13 May 2023

रचनाकार गीता श्री ने इस उपन्यास को लिखने के पहले अपने मन मस्तिष्क को उस काल के साँचे में ढाला है ताकि वहाँ की आवाज़ हम सुन सकें। भाषा को समय के अनुकूल रखा गया और मनोवि...

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13 May 2023

कविताएँ अक्सर ही रोकती हैं, टोकती हैं और आपसे बतियाती हैं। इस तरह कविता संवाद का एक ऐसा पुल बनाती हैं जिस पर दोतरफा आवाजाही होती है। जो कविता यह न कर पाए, वह प्रायः अस...

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13 May 2023

साहित्य जीवन को उसके संवेदनात्मक रूप में दिखाने वाला सशक्त माध्यम होता है। कल्पना या फंतासी बुनते हुए भी कहानीकार हकीकत के आसपास रहता है। जीवनानुभव कहानी को जीवन देते...

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13 September 2022

बिना किसी भी पूर्वाग्रह के मैंने इस किताब को छुआ। शुरुआती पंक्तियों में ही लगा कि गद्य नहीं है । सोचने लगा, सुजाता कविता क्यों नहीं लिखतीं। ऐसा मैंने रणेन्द्र का गद्य...

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24 September 2023

किस्सगोई एक कला है और अगर वो संस्मरणात्मक कलेवर लिए हो तो और रोचक हो उठता है। पहली कहानी ने मुझे अपने एक दूर के रिश्तेदार की याद दिला दी। वो कहती थीं कि सिगर...

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