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06 June 2025

1. ऊपर चढ़ने की धमक में स्याह गहराइयों की अनदेखी एक गैर-जरूरी सलाह है पर कोई यह नहीं बतलाता कि ऊँचाई आत्महत्या की भी जगह होती है लावारिस-सी लाश है भविष्य जिस...

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06 June 2025

1. कमाल की कविता है स्मृति जिसकी परिधि में गुलाब के बचे ओस कण और पराग भी हैं जिसने बचाए रखा तन में मन और आत्मा में स्पंदन जिसने ताप को संताप और प्रेम को अध...

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06 June 2025

बहु संस्कृतियों, बहु धर्मों, बहु बोलियों और भाषाओं वाला अपना यह बहु देश है भारत। अपने आप में एक महाद्वीप को समेटे इस देश का अंदाज ही अलबेला है। एक साथ फकीरी भी और अमीरी भ...

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